सति की महिमा || कबीर दास

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साधु सती और सूरमा, इनका मता अगाध | आशा छाड़े देह की, तिनमें अधिका साध || साधु सती और सूरमा, कबहु न फेरे पीठ | तीनों निकासी बाहुरे, तिनका मुख नहीं ...

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